बच्चों को पढ़ाना आज के समय में आसान काम नहीं है. लेकिन दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में रहने वाले मोती लाल गुप्ता इस समय करीब 1700 गरीब बच्चों को पढ़ा रहे हैं. पढ़ाई भी निजी स्कूलों जैसी. स्कूल ऐसे बनवाए हैं कि सरकारी शिक्षातंत्र शरमा जाए. इनकी उम्र 82 साल है. इतनी उम्र में तो ज्यादातर लोग घर बैठ जाते हैं. लेकिन उन्होंने गरीबी की मार झेल रहे बुंदेलखंड में शिक्षा की लौ जलाई है. उनका मानना है कि यही ऐसा माध्यम है जो किसी को भी गरीबी के दलदल से बाहर निकाल सकता है. यह स्कूल महोबा जिले के पनवाड़ी निसवारा नामक स्थान पर शुरू हुआ है. जिसमें इस वक्त आठवीं तक के 450 बच्चे पढ़ रहे हैं. पांच एकड़ में फैले इस स्कूल परिसर को तैयार करने में करीब चार करोड़ रुपये लगे हैं. यहां बच्चों को कॉपी, किताब, ड्रेस और खाने की पूरी सुविधा दी जाती है. इसके अलावा यहां उनके स्वास्थ्य की भी देखभाल होती है. स्कूल में साफ-सफाई से लेकर और अन्य सुविधाएं बड़े निजी स्कूलों जैसी हैं. बुंदेलखंड में गरीब बच्चों के लिए बनाया गया स्कूल गुप्ता कहते हैं कि अगर अच्छा समाज बनाना है तो उन लोगों के बच्चों को भी आगे बढ़ाना होगा जो ऑटो ड्राइवर हैं, प्लंबर और दिहाड़ी श्रमिक हैं. इस स्कूल के लिए जमीन एडवोकेट विजय बहादुर सिंह ने दी है. गुप्ता इसी तरह का एक स्कूल फरीदाबाद में भी चलाते हैं यहां 1200 से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. वह अपने हौसले और हार न मानने वाले जज्बे की बदौलत आज मिसाल बने हुए हैं. इन बच्चों के लिए वह पूरे सप्ताह काम करते हैं. गुप्ता कहते हैं कि अशिक्षा के अंधेरे में गुम मासूमों के भविष्य को शिक्षा की रोशनी से भरने के अलावा अब उनका कोई लक्ष्य नहीं है. इनके स्कूल में स्मार्ट क्लास से लेकर बच्चों के लिए कंप्यूटर, लैब व स्पोर्ट्स विंग समेत सभी हाइटेक सुविधाएं हैं. यहां पर पढ़ने वाले बच्चों की हर माह काउंसिलिंग भी होती है. 82 की उम्र में 1700 बच्चों को मुफ्त में पढ़ा रहे हैं ये ‘शिक्षक’ 82 की उम्र में 1700 बच्चों को मुफ्त में पढ़ा रहे हैं ये ‘शिक्षक’ फरीदाबाद के साईधाम मंदिर स्कूल में ऐसे होती है पढ़ाई बच्चों को पढ़ाना आज के समय में आसान काम नहीं है. लेकिन दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में रहने वाले मोती लाल गुप्ता इस समय करीब 1700 गरीब बच्चों को पढ़ा रहे हैं. पढ़ाई भी निजी स्कूलों जैसी. स्कूल ऐसे बनवाए हैं कि सरकारी शिक्षातंत्र शरमा जाए. इनकी उम्र 82 साल है. इतनी उम्र में तो ज्यादातर लोग घर बैठ जाते हैं. लेकिन उन्होंने गरीबी की मार झेल रहे बुंदेलखंड में शिक्षा की लौ जलाई है. उनका मानना है कि यही ऐसा माध्यम है जो किसी को भी गरीबी के दलदल से बाहर निकाल सकता है. यह स्कूल महोबा जिले के पनवाड़ी निसवारा नामक स्थान पर शुरू हुआ है. जिसमें इस वक्त आठवीं तक के 450 बच्चे पढ़ रहे हैं. पांच एकड़ में फैले इस स्कूल परिसर को तैयार करने में करीब चार करोड़ रुपये लगे हैं. यहां बच्चों को कॉपी, किताब, ड्रेस और खाने की पूरी सुविधा दी जाती है. इसके अलावा यहां उनके स्वास्थ्य की भी देखभाल होती है. स्कूल में साफ-सफाई से लेकर और अन्य सुविधाएं बड़े निजी स्कूलों जैसी हैं. Teachers Day, happy teachers day, sai dham, bundelkhand, faridabad, gk delhi, Education for poor Children, ngo, शिक्षक दिवस, साईं धाम, बुंदेलखंड, फरीदाबाद, जीके दिल्ली, एनजीओ, Educated Society बुंदेलखंड में गरीब बच्चों के लिए बनाया गया स्कूल गुप्ता कहते हैं कि अगर अच्छा समाज बनाना है तो उन लोगों के बच्चों को भी आगे बढ़ाना होगा जो ऑटो ड्राइवर हैं, प्लंबर और दिहाड़ी श्रमिक हैं. इस स्कूल के लिए जमीन एडवोकेट विजय बहादुर सिंह ने दी है. गुप्ता इसी तरह का एक स्कूल फरीदाबाद में भी चलाते हैं यहां 1200 से ज्यादा बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. वह अपने हौसले और हार न मानने वाले जज्बे की बदौलत आज मिसाल बने हुए हैं. इन बच्चों के लिए वह पूरे सप्ताह काम करते हैं. गुप्ता कहते हैं कि अशिक्षा के अंधेरे में गुम मासूमों के भविष्य को शिक्षा की रोशनी से भरने के अलावा अब उनका कोई लक्ष्य नहीं है. इनके स्कूल में स्मार्ट क्लास से लेकर बच्चों के लिए कंप्यूटर, लैब व स्पोर्ट्स विंग समेत सभी हाइटेक सुविधाएं हैं. यहां पर पढ़ने वाले बच्चों की हर माह काउंसिलिंग भी होती है. Teachers Day, happy teachers day, sai dham, bundelkhand, faridabad, gk delhi, Education for poor Children, ngo, शिक्षक दिवस, साईं धाम, बुंदेलखंड, फरीदाबाद, जीके दिल्ली, एनजीओ, Educated Society गरीब बच्चों के इस स्कूल को देखकर हैरान होंगे आप 67 बच्चों से शुरुआत मोतीलाल गुप्ता साईं भक्त हैं. इसलिए यहां उन्होंने एक साईं मंदिर बनवाया. उन्होंने बताया कि फरीदाबाद के नहरपार स्थित मंदिर में प्रसाद बांटते समय बहुत सारे बच्चे आ जाया करते थे. एक बार प्रसाद लेकर खाकर दोबारा आ जाते. यह देखकर गुस्सा आया, लेकिन बाद में समझ आया कि इन्हें भूख लगी है, तभी तो ये बार-बार प्रसाद लेने आ रहे हैं. उनके गंदे कपड़े व निरक्षरता को देख दुख हुआ. यहीं से उन्हें इन बच्चों का भविष्य संवारने की प्रेरणा मिली. उन्होंने बच्चों को इकट्ठा किया. कुछ माता-पिता राजी नहीं हुए, उन्होंने लोगों को समझाया. 67 बच्चों से स्कूल की शुरुआत हुई. छोटा सा कमरा बनाकर फरीदाबाद में बच्चों की पढ़ाई शुरू कराई. 12 अप्रैल 2004 को साईं धाम नाम से इन बच्चों के लिए स्कूल खोला. शुरू में इसे चलाने में काफी अड़चने भी आई. लेकिन बाद में सबकुछ ठीक होने लगा. Teachers Day, happy teachers day, sai dham, bundelkhand, faridabad, gk delhi, Education for poor Children, ngo, शिक्षक दिवस, साईं धाम, बुंदेलखंड, फरीदाबाद, जीके दिल्ली, एनजीओ, Educated Society बच्चों को भ्रमण भी करवाते हैं स्मार्ट क्लास स्कूल की क्लास में प्रोजेक्टर की मदद से बच्चों को पढ़ाया जाता है. प्राइवेट संस्थानों की तर्ज पर शानदार बिल्डिंग, कंप्यूटर लैब, कैमिस्ट्री लैब, फिजिक्स लैब जैसे आधुनिक सुविधाएं स्कूल में हैं. यहां खेलने के लिए आधुनिक स्पोर्ट्स विंग हैं. इसमें बच्चे अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं. पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें समाज से जोड़ने का भी काम हो रहा है. बच्चों को समय-समय पर रणथंभौर, सरिस्का, आगरा, मथुरा, भरतपुर, मथुरा एवं वृंदावन आदि का भ्रमण भी कराया जाता है. Teachers Day, happy teachers day, sai dham, bundelkhand, faridabad, gk delhi, Education for poor Children, ngo, शिक्षक दिवस, साईं धाम, बुंदेलखंड, फरीदाबाद, जीके दिल्ली, एनजीओ, Educated Society 1700 गरीब बच्चों को मुफ्त पढ़वाने वाले मोतीलाल गुप्ता इस तरह चलता है खर्च इस कार्य के लिए मोतीलाल गुप्ता अपना पैसा तो लगाते ही हैं, बल्कि वह समाज का सहयोग भी लेते हैं. इन बच्चों को शिक्षा, वस्त्र, दोपहर के भोजन, कॉपी-किताब के लिए प्रतिवर्ष 6000 रुपये का सहयोग किया जाता है. इसी से यह काम आगे बढ़ रहा है. कर्इ पब्लिक सेक्टर यूनिटों ने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत बिल्डिंग के लिए दान दिया है.